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HINDI

About Department

The department of Hindi is established in 1972. This department contributed a lot in National Integration work by spreading Hindi in Non-Hindi speaking area. Department is trying to create literary sense by organizing various literary programs. It is a matter of pride for this department that Dr. Chandradev Kawade worked in this department, who is working as president of Hindi Prachar Sabha, Hyderabad.

 Major Activities 

1) Literary forum – To create literary sense among students . Department organizes lecturers and workshop on poetry writing skills and story writing skills regularly and organizing poetry reading and story telling competitions under this forum.

 2) Media efficiency—Department organizes media efficiency program for the students .In this program department is organizing program like T.V. news reading. T.V. news anchoring and news writing Skills in print media. 

3) Wall paper ( Rashtra Bhasha): - Department publishes wall paper entitled Rashtrabhasha which is good platform for student to express and show their literary and writing skills. Our departments have two recognized research guide i) Dr.Burse G.K. ii) Dr.Gadkari A. N.

Importance of the subject

Hindi is language of communication in India. In the constitution of India Hindi is official language of India and existed in the mind of Indian people. Thus Hindi is national language. Hindi language is on number two position in the world as per the ratio of speakers. In our country Hindi is used by largest people for various communications, may it be official or personal.

            Another most important thing about Hindi is, it is language of business. We can observe that whenever two persons or groups speak for business purpose they speak in Hindi. Even a person goes to grocery shop or goes to vegetable market he speaks in Hindi. From street market to electronic waves of television and on  social media platform we can see Hindi as language of market. Even multinational foreign companies recognized importance of Hindi and they started different entertainment and news channels in Hindi. Different mobile producer companies started making software in Hindi. This is the recognition of potential of Hindi by foreign players. Through this angle Hindi is important language.

 

Scope of Subject:

By learning Hindi at UG level students have following opportunities.

1)      Student can become teacher of Professor in Hindi

2)      Student can become journalist in Hindi.

3)       Student can become Hindi officer.

4)      Student can become Hindi Translator.

5)      Student can become Hindi Reporter, anchor or news reader.

6)      Student can become Hindi Story Writer.

7)      Student can become Hindi Screenplay writer.

8)      Student can become Hindi News Editor.

9)      Student can become Hindi Advertising writer.

10) Student can become Hindi proof reader.



हिंदी विभाग

प्रोग्राम आउटकम

हिंदी विभाग बी. ए. ऐछिक और द्वितीय भाषा हिंदी यह दो प्रोग्राम छात्रों के लिए उपलब्ध कराता हैं। भाषा और साहित्य के अध्ययन के माध्यम से छात्रों की समझ विकसित करना, उनके व्यक्तित का विकास करना, उन्हें साहित्य का महत्त्व समझाना, उनमें साहित्य की संवेदना विकसित कर संवेदनशील समाज की निर्मिती करना, छात्रों में संवाद कौशल की वृद्धि करना, मौखिकी परीक्षा के लिए उन्हें योग्य बनाना, उनमें विश्लेषण क्षमता का विकास करना और उन्हें लेखन कौशल सिखाना हिंदी के इस प्रोग्राम का उद्देश हैं। हिंदी विषय का प्रोग्राम आउटकम इस तरह।

 

 

PO 1:  साहित्य की समझ और मानवी संवेदनाएँ निर्माण करना।

PO 2: छात्रों में भाषिक कौशल का विकास करना, जिस से छात्र आवश्यक संवाद कौशल सिख

      सकें।

PO 3: छात्रों में विश्लेषण क्षमता का विकास करना इस पाठ्यक्रम का उद्देश हैं। इस से छात्रो को

     उनके भविष्य में किसी विषय का विश्लेषण विवेचन करने की योग्यता प्राप्त होती हैं।  

PO 4: साहित्यिक अभिरुचि निर्माण करना जिससे मानवी जीवन में आनंद की अनुभूति होने और   

      सहृदय को आनंद देने का कौशल अर्थात साहित्य कला निर्माण का गुण विकसित हों।

PO 5: अनुसन्धान में रूचि, शब्द संपदा, भाषिक संपदा का संवर्धन और विकास यह गुण छात्र  

      में निर्माण करना। 

 

 

प्रोग्राम स्पेसीफिक आउट कम इस तरह:

 

PSO 1: अध्ययन पूरा करने के बाद छात्रों में साहित्य की अच्छी समझ विकसित होगी और   

       उसमें मानवी संवेदनाएँ विकसित होगी. साहित्य की समझ और संवेदनाओं के विकास से

       एक संवेदनशील समाज विकसित होगा।

PSO 2: पठन, श्रवण, लेखन और बोलना यह चार भाषिक कौशल विकसित होने के बाद छात्र में

       आत्मविश्वास निर्माण होता हैं। वह पत्राचार, अर्जी  से लेकर विभिन्न व्यावहारिक लेखन  

       करने में सक्षम हो जाता हैं, तथा मौखिकी परीक्षा में मौखिकि देने योग्य बन जाता हैं।

PSO 3: भाषिक और साहित्यिक अध्ययन से छात्रों में विश्लेषण एवं विवेचन क्षमता का विकास

      होता हैं। इस से छात्र अपनी आसपास की स्थितियों का विश्लेषण करना सिख जाते हैं

      और इससे उस पर योग्य प्रतिक्रिया देने लायक बन जाते हैं।

PSO 4: साहित्यिक अभिरुचि का निर्माण इस पाठ्यक्रम के माध्यम से होता हैं। समाज में

       साहित्यिक अभिरुचि का निर्माण होना आवश्यक हैं। इस पाठ्यक्रम से यह संभव हो

       जाता हैं, साथ ही कुछ रचना करनेवाले छात्र भी निर्माण हो जाते हैं।

PSO 5: हिंदी का यह पाठ्यक्रम छात्रों में अनुसन्धान की रूचि निर्माण करता हैं। हिंदी शब्द

      संपदा का भाषिक संपदा का संवंर्धन करना और उसमें वृद्धि करने का महत्व छात्रो को

      समझता हैं।

 

 

 

कोर्स आउटकम

सामान्य हिंदी (SL I&II) (बी.ए., बी. कॉम., बी. एस्सी.)

 

CO1: छात्रों को हिंदी कहानी साहित्य का परिचय मिल जाता है।

CO2: साहित्यिक संवेदनाओं का विकास हो जाता है और इंसानीयत को बढ़ावा मिलता है।

CO3: हिंदी के प्रमुख लेखक और और उनकी लेखन विशेषताओं का परिचय प्राप्त होता है।

CO4: छात्रों के भाषा कौशल का विकास होता हैं।

CO5: छात्रों में हिंदी भाषा के महत्व के साथ व्याकरण से संबंधित सजगता निर्माण होती है।

 

सामान्य हिंदी (SL - III & IV) (बी.ए., बी. कॉम., बी. एस्सी.)

 

CO1: हिंदी निबंध और काव्य विधा के माध्यम से साहित्य आस्वादन अभिरूचि का परिसंस्कार

     करना।

CO2: जीवन मूल्यों के प्रति आस्था निर्माण करना।

CO3: हिंदी के आधुनिक गद्य साहित्य की प्रतिनिधिक रचनाओं का परिचय कराना।

CO4: वर्तमान कालीन इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों का परिचय करना।

CO5: प्रयोजनमूलक तथा संप्रेषणमूलक हिंदी भाषा से छात्र परिचित हो और रोजमर्रा की जिंदगी   

     में आवश्यक लेखन कला विकसित करना।

CO6: पत्रलेखन के सारे भेद, आवेदन पत्र, बैंकिंग तथा सरकारी कार्यालयों की प्रयोजनमूलक

    भाषा से छात्र परिचित होता है।

 

 

 

CO7: कहानी, कविता, संस्मरण, रेखाचित्र, डायरी, आत्मकथा, जीवनी, निबंध, यात्रावृत्त, व्यंग्य,

Notices

Faculty Members

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DR.GADKARI A.N.

Email: gadkarian@shivajicollegekannad.org
Designation: Professor
Contact: 9403169010

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DR. BURSE G.K.

Email: bursegk@shivajicollegekannad.org
Designation: Head and Professor
Contact: 9423437599

Laboratory Staff